बारिश का ये बादल तो , बस बरसने मैं ही दीवाना है , क्या जाने, किस राह से बचना है , ओर किस छत को भिगोना है |
बारिश की बूंदो से बना हुआ , छोटा सा समुंदर , लहरों से भीगती छोटी सी बस्ती, चलो ढूंढे बरसात में दोस्ती की कुछ यादें, हाथ में लेकर एक कागज़ की कश्ती |
ये बारिश आज मुझसे कुछ कह गयी, आज फिर हमारी बाहों में, उनकी कमी रह गयी, एक पल के लिए उसे छुआ मैंने, और आज फिर उसकी , याद बरसात में पानी की तरह बह गयी |
गाय का माखन यशोधा, का दुलार ब्रह्माण्ड के सितारे, कन्हैया का श्रृंगार सावन की, बारिश और भादों की बहार नन्द के लाला को, हमारा बार-बार नमस्कार |
दोस्ती तो वो है... जो बारिश मे भीगे चेहरे पर भी, गिरे हुये आँसू पहचान लेती है |
''बारिश के मौसम में आपका दिल मचलता होगा, पानी में भीगने का दिल करता होगा, इसमें आपकी गलती नहीं, इस मौसम में हर मेंढक का यही हाल होता है…''
तुम पूछते थे न कितना प्यार है तुमसे… लो गिन लो बारिश की सारी बुँदे… फिर खबर हो जाएगी तुम्हे मेरे प्यार की।