अपनी तस्वीर भेज दो की , तनहाई कटे | किसी तरह तो दर्द जुदाई , का घटे |
हैँ समाज का नियम भी ऐसा पिता सदा गम्भीर रहे, मन मे भाव छुपे हो लाखोँ आँखो से न नीर बहे, करे बात भी रुखी-सूखी बोले बस बोल हिदायत के, दिल मे प्यार है माँ जैसा ही किंतु अलग तस्वीर रहे |
तस्वीर जब तेरी देखता हूँ , तो याद गुलाब की आती है , दिन को चैन ओर रात को नींद नहीं आती है ,क्योंकि, घर मैं गुलाब का पौधा लगा है , उसमे से धीमी धीमी खुशबु आती है | Happy rose day
'न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी, मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी, मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में आपकी तस्वीर नज़र आ गयी…'