माया को चाहने वाला बिखर जाता हैं, और कान्हा को चाहने वाला निखर जाता हैं।
देखो फिर कृष्ण जन्माष्टमी आयी हैं, माखन की हांडी ने फिर मिठास बड़ाई हैं कान्हा की लीला हैं सबसे प्यारी, वो दे तुम्हे दुनिया भर की खुशिया सारी