''पति: तुम्हारे शादी से पहले कितने बॉयफ्रेंड थे? (पत्नी खामोश रही) पति चिल्लाकर: मैं इस, खामोशी को क्या समझूं? पत्नी: हाय रब्बा! गिन तो रही हूं। चिल्ला क्यों रहे हो? ''
आपकी मुस्कान हमारी, कमजोरी है कह ना, पाना हमारी मजबूरी है, आप क्यों नहीं समझते, इस जज़्बात को क्या, खामोशियों को ज़ुबान, देना ज़रूरी है । Happy Propose Day
जब खामोश आंखों से बात होती है, ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है, तुम्हारे ही ख्यालो में खोए रहते हैं, पता नहीं कब दिन कब रात होती है । Happy Propose Day
खामोशी इंसान की, सच्ची दोस्त होती है, जो कभी उसके रहस्य, उजागर नहीं करती। Confucius
खामोश हूँ तो सिर्फ तेरी ख़ुशी के लिए............ ये मत समझ की मेरा दिल नहीं दुखता। ....