गुलाब से पूछो कि दर्द क्या होता है, देता है पैगाम मोहब्बत का और, खुद काँटों में रहता है | Happy Rose Day
फूल गुलाब का भेज रहे है, आपके लिए लबों से छूकर जान, इसमें डाल दीजिए | Happy Rose Day
गुलाब जैसी हो, गुलाब लगती हो, हल्का सा जो मुस्कुरा दो, तो लाजवाब लगती हो | Happy Rose Day
काँटों से घिरा रहता है, फिर भी गुलाब खिला, रहता है | Happy Rose Day
'तुम वो हो जिसे मै, पाना चाहता हुँ तुम्हे, जिस्म से नहीं रूह, से अपना बनाना, चाहता हूँ | Happy Rose Day '
जसको पा ना साके वो, जनाब हो आप मेरी ज़िन्दगी का पेहला, ख्वाब हो आप लोग चाहे कुछ भी काहे लेकिन मात्र लिए सुंदर, सा गुलाब हो आप | Happy Rose Day
R- Rare O- Ones S- Supporting E- Entire life Happy Rose Day
मैं तोहफा बनकर पहुँच जाता हूँ जहाँ, मुझे देख मुस्कुरा देता है, सारा जहां | Happy Rose Day
होठों जैसे पंखुड़ियाँ मेरी, कोमल काँटों से बच के ज़रा, कहीं हो न जाओ घायल | Happy Rose Day
आशिक़ों के महबूब के, पैरो की धूल हूँ, हाँ मैं एक लाल गुलाब, का फूल हूँ | Happy Rose Day
अनमोल होते है वो लोग जो, आपकी आवाज़ से आपका, हाल बता देता है | Happy Valentines Day
“मेरे होंटों पर ख़ामोशी है बहुत, इन गुलाबों पे तितलियाँ रख दे |” Happy Rose Day
सफल होने के लिए आपको पहले स्वयं को मनाना जरूरी है कि हम सफल हो सकते हैंऔर सफल होंगे | Dr. Vivek Bindra
अगर लक्ष्य आपके लिए महत्वपूर्ण है, तो आपको एक रास्ता मिलेगा, अगर नहीं तो आपको कोई बहाना मिलेगा | Dr. Vivek Bindra
यदि आप काम ना करने के बहाने ढूंढ सकते हो… तो आप काम करने के बहाने भी ढूंढ सकते हो | Dr. Vivek Bindra
अपने कल के रिकॉर्ड को आज तोड़ दूंगा | Dr. Vivek Bindra
जब मन और वाणी एक होकर कोई, चीज मांगते हैं, तब उस प्रार्थना का फल अवश्य मिलता है। Swami Paramhans
भगवान निराकार है और साकार भी, फिर भी इन दोनों अवस्थाओं से परे जो है, वह भी है केवल वे ही खुद जानते हैं, कि वह क्या है | Swami Paramhans
धैर्य दर्द से भरा है किंतु उसका, फल मधुर होता है। Swami Paramhans
अहंकार में आदमी फूल सकता है, फल नहीं सकता। Premchand
जब कोई बात हमारी आशा के, विरुद्ध हो तभी दुख होता है। Premchand
आशा तो बड़ी चीज है और फिर बच्चों की, आशा उनकी कल्पना तो राई को, पर्वत बना देती है। Premchand
आशा ही संसार की, संचालन शक्ति है। Premchand
दूसरे की स्त्री से अनुचित संबंध, से बड़ा पाप दूसरा कोई नहीं है। Premchand
जब हम कोई कार्य करने की इच्छा, करते हैं, तो शक्ति अपने आप, ही आ जाती है। Premachand
जीवन के लिए खाना और सोना जरूरी है, लेकिन जीवन कार्य और लगन, से सफल होता है। Premchand
जहां नम्रता से काम हो जाए वहां, उग्रता नहीं दिखानी चाहिए। Premchand
जब कोई बुरी घटना घटने वाली होती है, तो उसके पहले बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। Premchand
घर का प्रेम नारी, का जीवन है। Premchand
कन्यादान ने करने वाले का, जन्म व्यर्थ चला जाता है। Premchand
जिस घर में कोई नहीं रहता उसमें, चमगादड़ बसेरा कर लेते हैं। Premchand
जिसमें दया नहीं, धर्म नहीं ,निज भाषा से, प्रेम नहीं ,चरित्र नहीं ,आत्म बल नहीं है, वह भी कोई आदमी है | Premchand
स्वभाव सबका अलग अलग होता है, ना किसी के बनाने से बनता है, ना बिगाड़ने से बिगड़ता है। Premachand
मनुष्य के स्वभाव पर उसका, भविष्य निर्भर करता है। Premachand
दया व्यक्ति का, स्वाभाविक गुण है। Premchand
कोई व्यक्ति अचानक स्वभाव, के विपरीत आचरण करें, तब शंका कीजिए। Premchand
स्वभाव व्यक्ति को जन्म से मिलता है, और शिक्षा तथा संगति से उसे, सुधारा जा सकता है। Premchand
अपनी प्रशंसा सुनकर हम इतने मतवाले हो, जाते हैं कि फिर हममें विवेक की शक्ति भी, लुप्त हो जाती है बड़े से बड़ा महात्मा भी, अपनी प्रशंसा सुनकर फूल उठता है। Premchand
संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा, और समर्पण से प्राप्त होता है। Premchand
मृत्यु तो भगवान का आमंत्रण है, जब वह आए तो द्वार खोलकर उसका स्वागत करो और, चरणों में ह्रदयधन सौंपकर अभिवादन करो। Rabindranath Tagore
अनुभव, अनमोल कसौटी है। Rabindranath Tagore
मनुष्य जिस समय पशु के समान, आचरण करता है उसी समय वह, पशुओं से भी नीचे गिर जाता है। Rabindranath Tagore
जो मन के कष्ट को स्पष्ट, रूप से नहीं कह सकता गुस्सा, उसी को ही आता है। Rabindranath Tagore
ब्रह्म के स्वरूप का प्यार जिन्होंने, पा लिया है उन्हें फिर किसी काल, में भी डर नहीं लगता। Rabindranath Tagore
अधिकार की अपनी सीमा होती है, उस सीमा की रक्षा के लिए, अधिकार प्रयोग संयत रखना चाहिए। Rabindranath Tagore
धुआँ आकाश से शेखी बघारता है, और राख धरती से कि वह, अग्नि वंश के है। Rabindranath Tagore
हर बच्चा इस संदेश को लेकर आता है, कि भगवान अभी इंसान से, निराश नहीं हुआ है। Rabindranath Tagore
किसी चीज पर अधिकार दिखाने से ही, उस पर अधिकार सिद्ध नहीं हो जाता | Rabindranath Tagore
कलाकार कुदरत का प्रेमी है, इसलिए वह उसका नौकर भी है, और स्वामी भी है। Rabindranath Tagore
कोई भी कार्य महत्वपूर्ण नहीं, होता महत्वपूर्ण होता है, कार्य का उद्देश्य | Jawaharlal Nehru