पापा

पापा

मेरे होठों की हँसी मेरे पापा,
की बदोलत है,
मेरी आँखों में खुशी मेरे,
पापा की बदोलत है ,
पापा किसी खुदा से कम नही
क्योकि मेरी ज़िन्दगी की,
सारी खुशी पापा की बदोलत है |

आँखों

आँखों

उन आँखों की दो बूंदों,
से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों,
ने मंगल-सूत्र उतारे हैं |

किरणों

किरणों

मेरे लाडले मेरे गणपति प्यारे
तुम शिव बाबा की आँखों के तारे
मेरी आँखों में तेरी सूंदर,
मूरत सूरज की किरणों जैसे,
चमके तेरी प्यारी सूरत |

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां

ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।