गुलाब से पूछो कि दर्द क्या होता है, देता है पैगाम मोहब्बत का और, खुद काँटों में रहता है | Happy Rose Day
मोहब्बत की गर्मी भी, क्या चीज है। तबीयत मेरी क्या से, क्या हो गई है।
ये रिमझिम बरसात, ये हसीन मौसम, और ये महकती हवाये लगता है आज मोहब्बत ने , फिर किसी का साथ दिया है |
पापा हैं मोहब्बत का नाम, पापा को हज़ारों सलाम, कर दे फ़िदा ज़िन्दगी, आये जो बच्चों के काम |
हक़ीकत मोहब्बत की जुदाई होती है, कभी-कभी प्यार में बेवफाई होती है, हमारे तरफ हाथ बढ़ाकर तो देखो, दोस्ती में कितनी सच्चाई होती है।
दिखावे की मोहब्बत से, दूर रहता हूँ मैं, इसलिए भोले के नशे मे, चूर रहता हू मैं, शुभ महाशिवरात्रि |
गुलाब से पूछो कि, दर्द क्या होता है, देता है पैगाम मोहब्बत का, और खुद कांटो में रहता है |
कमियाँ तो बहुत हैं मुझमे साला कोई निकाल के तो देखे।
Girl Friend ऐसी हो जो Dil की बात ऐसे समझ लेती हो, Jaise डॉक्टर की राइटिंग केमिस्ट समझ लेता है।
''वही हमारे काबिल न था दोस्तों वरना, मोहब्बत की क्या औकात जो हमे ठुकरा दे। ''
'प्यार, इश्क, मोहब्बत सब धोकेबाजी है, अपनी तो Life में Attitude ही काफी है। '
अपनी मोहब्बत से, सजाना है तुझको, कितनी चाहत है ये, बताना है तुझको, राहों में बिछा के, मोहब्बत अपनी, प्यार के सफर पे ले, जाना है तुझको | happy propse day
दिल ये मेरा तुमसे प्यार, करना चाहता है, अपनी मोहब्बत का, इज़हार करना चाहता है, देखा है जब से तुम्हें मैंने, मेरे सनम, सिर्फ तुम्हारा दीदार, करने को दिल चाहता हैं | Happy Propose Day
दिल ये मेरा तुमसे प्यार, करना चाहता है, अपनी मोहब्बत का, इज़हार करना चाहता है, देखा है जब से तुम्हें मैंने, मेरे सनम, सिर्फ तुम्हारा दीदार, करने को दिल चाहता हैं, Happy Propose Day
मोहब्बत है कितनी, ज्यादा तुमसे, कहो तो सारे जहाँ को, बता दूँ, तू करदे हाँ एक बार, तेरे कदमो में आसमा, बिछा दूँ | Happy Propose Day
जब खामोश आंखों से बात होती है, ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है, तुम्हारे ही ख्यालो में खोए रहते हैं, पता नहीं कब दिन कब रात होती है । Happy Propose Day
तुमको उलझा कर कुछ, सवालो में, तुम्हे जी भर के देख लिया, तेरी मोहब्बत को पा कर, मैंने जीने का सहारा ढूंढ लिया। Happy Valentines Day
किस्मत और दिल की आपस में कभी नहीं बनती, क्यूंकि जो दिल में होता है वो कभी किस्मत में नहीं होता है.
मैं उसे सच्ची मुहब्बत करने लगा उसके हाँ के इतजार में जीने लगा
किस से आगाज़ करे हम और किसको हम अंजाम कहे सब कुछ लूट लिया इस चाहत ने हमारा भला कैसे, अब हम इसको दिल-ऐ-अरमान कहे........
तुमसे मिलकर महीनों के हिसाब पूछेंगे, तेरे कंधे पे सर रखकर हम रोते-रोते भी हँस देंगे।