घायल

घायल

जालिम इतना घायल,
कर दिया तूने।
 बुलाकर अपने घर बाप,
से पिटवाया तूने।

खातिर

खातिर

पानी की जगह गम के,
आंसू पीता हूं। 
तेरे प्यार की खातिर बाप के,
डंडे खाता हूं।

कभी भी

कभी भी

यदि बचपन व माँ की कोख की याद,
हमें रहे तो , 
हम कभी भी माँ-बाप के ,
खिलाफ नहीं हो सकते I
Baba Ramdev