घर के बाहर दिमाग लेकर जाये क्योंकि दुनिया एक बाज़ार है लेकिन घर के अंदर सिर्फ दिल लेकर जाये क्योंकि वहाँ एक परिवार है | Bk Shivani
घर में मंदिर नहीं ,घर को ही मंदिर बना लीजिए ।
जिस शख्स का घर बसाया था कभी मैंने | उसी की साजिशों ने मुझे घर से बेघर कर दिया |
जिस घर में कोई नहीं रहता उसमें, चमगादड़ बसेरा कर लेते हैं। Premchand
मुबारक हो तुम्हें ये त्योहार , जहाँ ना कोई दावत है , ना कोई आवत है , सब घर पर ही मनावत है , ये गर्मी का त्योहार ऐसे ही डरावत है |
हम रह नहीं सकते बिन तुम्हारे , लगता है ऐसा बिन तुम्हारे , जैसे गर्मियों मे फ्रिज, नहीं हो घर हमारे |
फूलों की वादियों में हो बसेरा तेरा, सितारों के आँगन में हो घर तेरा, दुआ है एक दोस्त की एक दोस्त को, कि तुझसे भी खूबसूरत हो सवेरा तेरा, | सुप्रभात |