भगवान्

भगवान्

कौन से कपडे पहनूँ ?
जिससे मै अच्छा लगूँ |
यह तो हम ,
हर रोज़ सोचते है |
पर कौन सा कर्म करूँ ,
जिससे मै भगवान् को ,
अच्छा लगूँ |
यह कोई कभी नहीं सोचता |

Bk Shivani

सुंदरता

सुंदरता

शरीर में कोई सुंदरता नहीं
होती है ,सुन्दर होते है तो,
केवल मनुष्य के कर्म ,विचार ,
वाणी ,व्यवहार ,संस्कार
और उसका चरित्र |

कर्म

कर्म

दुआ या बद्दुआ किसी के बोलने
से नहीं किन्तु खुद के व्यवहार
और कर्म से मिलती है इसलिए
हमारा व्यवहार और
कर्म सदा सुखदाई
हो तो दुआए स्वत: मिलती रहेगी |

Bk Shivani

शक्ति

शक्ति

आपके बोलने ,सोचने और
कार्य करने से जो शक्ति,
पैदा होती है,वह आपका
कर्म बनाती है।

Bk Shivani

विश्वास

विश्वास

अगर आप किसी पर विश्वास
करते है, तो ये आपका कर्म है।
यदि वो आप पर विश्वास करे
या फिर आपको धोखा दे,
वह आपकी किस्मत है।

Bk Shivani

प्रभुमंदिर

प्रभुमंदिर

जहाँ देह है वहाँ कर्म तो है ही ,
उससे कोई मुक्त नहीं है |
तथापि शरीर को प्रभुमंदिर बनाकर
उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करनी चाहिए |

Mahatma Gandhi

भाग्य

भाग्य

आज के कर्म से लिखा
हुआ भाग्य बदले

BK SHIVANI

भक्ति

भक्ति

कर्म करो ,परन्तु कर्म में भक्ति का होना ,
अनिवार्य है।
बिना भक्ति किया कर्म सार्थक नहीं हो सकता।
Swami Paramhans

कर्म भूमि

कर्म भूमि

'कर्म भूमि की
दुनिया में
श्रम सभी को
करना पड़ता है ,
भगवान् सिर्फ
लकीरें देता है
रंग हमें ही
भरना पड़ता है !
'