कबूतर कितना भी तेज़ उड़े, शेर के पंजे से कभी बचकर, नहीं जा सकता | Ertugrul Ghazi
मुझे इतने ऊंचे ओहदे, पर पहुंचा दिया गया है, कि गिरना बहुत, कठिन हो जाएगा | Hrithik Roshan'
शिला ने जीजाजी को कपड़े धोते हुए देखा। चौककर बोली अरे -ये क्या जीजाजी,आप दीदी के कपड़े धो रहे है तो क्या हुआ। .... ? आत्माराम संकोच मे डूबकर बोले -वो मेरे साथ रोटियां भी तो पकवा लेती है
जज -आप दोनों के घरेलू झंझट को देखते हुए मै आपको सुझाव दूंगा की आप अपने पति को तलाक दे दे औरत -क्या कहा ?तलाक ? मैने उसके साथ जिंदगी के किये हैं और आप चाहते हैं की वह शेष जीवन सुख से जिय "असभव है
ससुर: अरे दामाद जी, तूफान की क्या खबर है? दामाद: कूलर के आगे सो रही है, कहिए तो बात करा दूं ।
झूठ बोलने के बाद सबसे मुश्किल काम ये होता है की हमे झूठ हमेशा याद रखने पड़ते है | Bk Shivani
अपनी हर सुबह की शुरुआत “आईसक्रीम” से कीजिये ..... “आ” - आत्मविश्वास , “ई” - ईच्छाशक्ति , “स”- सकारात्मक दृष्टिकोण, “क्री”-क्रियाशीलता , “म”- महत्वाकांक्षा | Bk Shivani
ना जानते हुए भी हम सब , एक ही धर्म के उपासक हैं। Waltere
जो दूसरों की बुराई करते हैं , वे खुद निंदित होते हैं। Rigved
मेरी इच्छा है कि आपके जीवन, का प्रत्येक दिन आपके पसंदीदा, चॉकलेट की तरह ही मीठा रहे, चॉकलेट डे पर बहुत सारा, प्यार और खुशी |
भाई बहन सदा रहे पास, दोनों में अटूट प्यार रहे, भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएँ |
पत्नी (गुस्से में ): मैं घर छोड़ कर जा रही हूँ, पति (गुस्से में ): हाँ जान छोड़ो अब, पत्नी : बस आपकी यही जान कहने की, आदत ना हमेशा मुझे रोक लेती है |
मूर्ख दूसरों पर, हँसते हैं बुद्धिमान, खुद पर | OSHO
कोई चुनाव मत करिए जीवन, को ऐसे अपनाइए जैसे, वो अपनी समग्रता में है | OSHO
अगर आप सच देखना, चाहते हैं तो ना, सहमती और ना, असहमति में राय रखिये | OSHO
केवल वो लोग जो कुछ भी, नहीं बनने के लिए तैयार हैं, प्रेम कर सकते हैं | OSHO
है रौशनी का त्यौहार लाये हर चेहरे पर मुस्कान, सुख और समृधि की बहार समेट लो सारी, खुशियाँ अपनों का साथ और प्यार | “शुभ दीवाली”
सभी दोस्तो से एक request है, कि ठंड मे मत पियो वरना कही पी के कही, पड़े रह गये तो, लोग होश मे लाने के लिए, एक बालटी पानी डाल के, नहला देगे भाई | happy winter
आज का विचार, इंसान को जितनी चादर हो उतने, ही पैर पसारने चाहिए नहीं, तो ठंडी लगती है भाई | happy winter
अर्ज किया है सारी सारी, रात गुजर जाती है बस इसी, कस्मकस में की ये साली रजाई, में हवा किधर से घुस रही है | happy winter
फूलों की सुगंध मूँगफली की बहार, सर्दी का मौसम आने को तैयार, रजाई,स्वेटर रखो तैयार हैप्पी, सर्दी का मौसम मेरे यार |
जिंदगी कीस्मत से चलती, है दीमाग से चलती तो, बीरबल बादशाह, होता |
जहाँ अभिमान होता है, वहाँ अपमान की filling जरूर आती हैं। BK SHIVANI
आज आईने के सामने खड़े हो, कर खुद से माफ़ी माफ़ी ली मैंने, सब से ज्यादा खुद का ही दिल, दुखाया है दूसरों को खुश करने में।
किसी से जुदा होना अगर, इतना आसान होता, तो जिस्म से रूह को लेने, कभी भी फ़रिश्ते ना आते।
बड़ी हिम्मत दी है उसकी जुदाई ने, ना ही किसी को खोने का डर है, आज ना ही किसी को, पाने की चाह है।
किसी विद्यार्थी की सबसे ज़रूरी , विशेषताओं में से एक है , प्रश्न पूछना। विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने दीजिये। A . P . J . Abdul Kalam
संता शराब पीकर नंबर dial, करता है तभी लड़की, की आवाज़ आती है Call करने, के लिए आपके, पास पर्याप्त Balance नहीं है , कृपया recharge करवाएँ, संता बस जानेमन तुमसे बात हो, जाती है ये ही काफी है मेरे लिए |
'संता डॉक्टर साहब 2 साल, पहले मुझे बुखार आया था, डॉक्टर तो अब क्या, संता आपने नहाने को मना, किया था आज इधर से गुजर रहा, था तो सोचा कि पूछता चलू, अब नहा लूँ क्या | '
छुपकर मेरी नज़र से, गुज़र जाईये मगर, बचकर मेरे ख्याल, से किधर जाईयेगा |
आप की ज़िन्दगी फूलो की, तरह खिलते रहे, सूरज की तरह चमकते रहे, और आप सारा दिन हँसते रहो | good morning
उठो उन सभी इच्छाओं, से मुक्त हो जाओ, जो तुम्हरी प्रगति रोकत, हैं और अपने उद्देश्य, की तरफ बढ़ो | “सुप्रभात”
विश्वास और ईमानदारी से , भगवान बहुत निकट है ; लेकिन वह पाखंडी से बहुत दूर है। Swami Paramhans
जहाँ मैं और मेरा जुड़ जाता है , वहाँ ममता, प्रेम, करुणा , व समर्पण होता हैं I Baba Ramdev
हर ख्वाहिश हो मंजूर-ए-खुदा मिले हर कदम पर रज़ा-ए-खुदा फ़ना हो लब्ज़-ए-ग़म यही हैं दुआ बरसती रहे सदा रहमत-ए-खुदा ‘’ ईद मुबारक ’’
मैं जिन अरबपतियों को जानता हूँ, पैसा बस उनके अन्दर बुनियादी लक्षण लाता है.अगर वो पहले से मूर्ख थे तो अब वो अरबों डौलर के साथ मूर्ख हैं.
आजादी की कभी शाम ना होने देंगे शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे बची है जो 1 भी बूंद लहू की तब तक भारत का आँचल नीलाम ना होने देंगे
"पुस्तकें एक मुर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।" ~ आचार्य चाणक्य