शरीर, वास्तव में, केवल एक , क्षणिक अस्तित्व है। अब शरीर मौजूद है , और अब यह नहीं है। एकमात्र भगवान ही असली हैं। Swami Paramhans
प्रेम के माध्यम से त्याग , और विवेक की भावना , स्वाभाविक रूप से प्राप्त हो जाती है। Swami Paramhans