फैन तो हमारे भी, बहुत है, पर सर्दी की, वजह से घरवाले, चलाने नहीं देते | happy winter
शीतल - शीतल वायु चली, आकाश हुआ सुहाना, अनपढ़ भी व्हाट्सऐप पढ़ने लगे, शिक्षित हुआ ज़माना | happy winter
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात, में फुटपाथ पर अरमान है, दिलबर मुझे छोड़ के किसी, और पे मेहरबान है | happy winter
अर्ज किया है सारी सारी, रात गुजर जाती है बस इसी, कस्मकस में की ये साली रजाई, में हवा किधर से घुस रही है | happy winter
बड़ी सख्त इम्तिहान, की घड़ी होती हैं, सुबह-सुबह ठंड में, नहाना बात बड़ी होती हैं | happy winter