विद्या

विद्या

विद्या बिना मति गयी,
मति बिना नीति गयी,
नीति बिना गति गयी,
गति बिना वित्त गया,
वित्त बिना शूद गये,
इतने अनर्थ एक,
अविद्या ने किये |

Jyotiba Rao Phule

विद्या

विद्या

विद्या  ही निर्धन का धन है।
Chanakya