जब से तुझे दिल भुलाने की कसम खाई है, और पहले से ज्यादा तेरी याद आई है |
स्थिर और सुरक्षित भविष्य सहिष्णुता की, बुनियाद पर ही खड़ा हो सकता है। A . P . J . Abdul Kalam
आज मुझे उन क्षणों, की याद आ रही है, भैया जब हमने आपके, साथ वक़्त बिताया था, हैप्पी भाई दूज |