मस्तिष्क

मस्तिष्क

भयमुक्त जीवन ही मानव मस्तिष्क,
की अव्यक्त अभिलाषा है।

Milten

प्रभुमंदिर

प्रभुमंदिर

जहाँ देह है वहाँ कर्म तो है ही ,
उससे कोई मुक्त नहीं है |
तथापि शरीर को प्रभुमंदिर बनाकर
उसके द्वारा मुक्ति प्राप्त करनी चाहिए |

Mahatma Gandhi

प्रसन्नचित

प्रसन्नचित

सकरात्मक सोच से व्यक्ति ,
सदा तनाव से ,
मुक्त होकर प्रसन्नचित रहता है I

BK SHIVANI

परिणाम

परिणाम

हम अपने जीवन में जो चाहते है ,
उसे चुनने के लिए मुक्त है ,
लेकिन उसके परिणाम से ,
कभी मुक्त नही हो सकते है I
Amitabh Bachchan