नेत्र केवल दृष्टि प्रदान करते है , हम कहाँ और क्या देखते है , यह हमारे मन की भावना पर निर्भर है |
जो आपसे नफरत करते है, आप उनसे कभी ईर्ष्या न करें क्योंकि वे ही हैं, जो आपको खुद से बेहतर समझते है, इसलिए उन सबके लिए शुभ भावना रखें, जो हमसे ईर्ष्या करते है |
मेरी क्रिसमस, प्रिय भाई! क्रिसमस की भावना पूरे वर्ष आपके साथ हो सकती है!
हमेशा याद रखें कि जो, सामने है वह सच है, उसके बाद जो कुछ भी है, वह सिर्फ संभावना है। OSHO
हमें अपनी धरती पर प्रत्येक मानवीय कार्य में ‘ सीमाहीनता ‘ की भावना को बढ़ाना होगा। A . P . J . Abdul Kalam
बहुत अधिक प्राप्त कर लेने जैसी, कोई चीज नहीं है जीवन कभी, न ख़त्म होने वाली सम्भावना है।