दुनियाँ

दुनियाँ

अपने अंदर की दुनियाँ को
स्वच्छ रखे ,क्योंकि अंदर की
दुनियाँ से ही बाहर की
दुनियॉ बनती है |

Bk Shivani

हमारा ह्रदय

हमारा ह्रदय

हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे.