बारिश का ये बादल तो , बस बरसने मैं ही दीवाना है , क्या जाने, किस राह से बचना है , ओर किस छत को भिगोना है |
है रब से दुआ हमारी , की जब भी बादल बरसे , तू मेरे प्यार मैं ही फिसले |
बादल चाँद को छुपा सकता है आकाश को नही……. हम सबको भुला सकते है आप को नही…