नम्रता से वह कार्य भी बन जाते है, जो कठोरता से नहीं बन पाते | Mahatma Gandhi
बनकर तेरा साया तेरा, साथ निभाऊंगा तू जहाँ, जहाँ जाएगी मैं वहाँ वहाँ, आऊँगा साया तो छोड़, जाता है अँधेरे में साथ, लेकिन में अँधेरे में तेरा, उजाला बन जाऊँगा । Happy Propose Day