नम्रता

नम्रता

नम्रता से वह कार्य भी बन जाते है,
जो कठोरता से नहीं बन पाते |

Mahatma Gandhi

उजाला बन जाऊँगा ,

उजाला बन जाऊँगा ,

बनकर तेरा साया तेरा,
साथ निभाऊंगा तू जहाँ,
जहाँ जाएगी मैं वहाँ वहाँ,
आऊँगा साया तो छोड़,
जाता है अँधेरे में साथ,
लेकिन में अँधेरे में तेरा,
उजाला बन जाऊँगा ।
Happy Propose Day