अँधेरा

अँधेरा

यह मान लिया की
अँधेरा घना हैं लेकिन
दिया जलाने को
किसने मना किया हैं !

उसने दर्द इतना दिया ,

उसने दर्द इतना दिया ,

उसने दर्द इतना दिया कि सहा ना,
गया उसकी आदत सी थी इसलिए,
रहा न गया आज भी रोती हूं उसे दूर,
,देख के लेकिन दर्द देने वाले से यह,
कहा ना गया |