यह संसार कर्मक्षेत्र है , और मानव का जन्म कर्म करने, हेतु हुआ है। Swami Paramhans
कर्म करो ,परन्तु कर्म में भक्ति का होना , अनिवार्य है। बिना भक्ति किया कर्म सार्थक नहीं हो सकता। Swami Paramhans