दुनिया भर से रिश्ता तोड़ आता | तुम दो कदम भी अगर मेरी, तरफ बढ़े होते |
बदलाव का पहला कदम स्वीकार करना है , जब आप एक बार खुद को स्वीकार कर लेते हैं तो आप बदलाव के दरवाजे खोल देते है I Bk Shivani
खुशहाली बनी बनाई नहीं मिलती उसके लिए तुम्हे कदम बढ़ाना पड़ेगा