रिश्ता

रिश्ता

दुनिया भर से रिश्ता तोड़ आता |
तुम दो कदम भी अगर मेरी,
तरफ बढ़े होते |

बदलाव

बदलाव

बदलाव का पहला कदम
स्वीकार करना है ,
जब आप एक बार खुद को
स्वीकार कर लेते हैं तो आप
बदलाव के दरवाजे खोल देते है I

Bk Shivani

कदम

कदम

खुशहाली बनी बनाई नहीं मिलती उसके लिए तुम्हे कदम बढ़ाना पड़ेगा