शकून

शकून

अपनी हार पर इतना,
शकून था मुझे, 
जब उसने गले लगाया,
जीतने के बाद।

उसने दर्द इतना दिया ,

उसने दर्द इतना दिया ,

उसने दर्द इतना दिया कि सहा ना,
गया उसकी आदत सी थी इसलिए,
रहा न गया आज भी रोती हूं उसे दूर,
,देख के लेकिन दर्द देने वाले से यह,
कहा ना गया |