माता-पिता की जरूरत जितनी हमें बचपन में होती है, उतनी ही जरूरत उन्हें बुढ़ापे में हमारी होती है।
सेवा वह है जब जरूरत हो तब की जाय ना की आपके पास समय हो तब | जब आपके पास समय हो तब शायद दूसरों को आपकी सेवा की जरूरत ही ना हो | Bk Shivani